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Saturday 25 February 2012

एक बार लगा दे फेरा... हे जगदम्बे ! महारानी !

एक बार लगा दे फेरा... हे जगदम्बे ! महारानी !

Maa DurgaMaa DurgaMaa Durga


ये सुन ले अर्ज़ हमारी 
हे जगदम्बे ! महारानी !
एक बार लगा दे फेरा 
हम सबके घर  कल्याणी !

Maa DurgaMaa DurgaMaa Durga

तेरे आने से माता 
घर आँगन सब महकेगा ;
तेरे दर्शन पाकर के 
मन का पाखी चहकेगा ;
फिर भक्ति रस में पगकर  
फैलेगी गंध सुहानी ;
एक बार लगा दे फेरा 
हम सबके घर कल्याणी !
[पूरा सुने ऊपर दिए गए वीडियों से ]
                                       शिखा कौशिक  

Saturday 18 February 2012

महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें !


महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें 




Shiva Wallpaper

मेरे मन बनकर तू डमरू 
करता जा डम-डम-डम 
तेरी डम -डम में गूंजेंगी 
मेरे भोले की बम-बम 
मेरे मन बनकर तू ......


मेरा भोला सब भक्तों  के 
है सारे  कष्ट  मिटाता  
वो भक्तों की रक्षा  हित  
है कालकूट  पी  जाता 
मेरी  जिह्वा  करती चल  तू 
शिव महिमा   का ही वर्णन  
मेरे मन ..........................


मेरा भोला कितना  भोला 
नागों  का हार  पहनता   
वो  जटाजूट  में अपने 
गंगा  को  धारण  करता
मैं कण -कण  में करती हूँ 
शिव-शंकर का ही दर्शन .
मेरे बन ................


सावन में कांवड़ लेकर  जो    
गंगाजल लेने जाते 
लाकर शिवलिंग  पर उसको      
श्रृद्धा  सहित चढाते 
हर इच्छा पूरी होती 
पावन हो जाता जीवन .
मेरे मन बनकर.....


द्वादश ज्योतिर्लिंगों  में शिव
-शक्ति ज्योत समाई ;
इनके दर्शन से भक्तों ने 
भय से मुक्ति पाई ;
गौरी-शंकर के चरणों में 
तन -मन-धन सब अर्पण 
मेरे मन बनकर .....


                                  शिखा कौशिक 
                        [विख्यात ]












Saturday 4 February 2012

[भक्ति-अर्णव ]-मैया बार बार आ !



शेरावाली शेर पर सवार होकर आ ;
हाथों में शंख -तलवार लेकर आ;
दुष्टों का करने संहार माता आ ;
भक्तों के खाली भंडार भरने  आ ;
एक बार आ मैया बार बार आ !

दुर्गा रूप में दुर्गम संकट को हरने वाली ;
चंडी रूप में दुष्टों का मर्दन करने वाली ;
तू रमा ,उमा ,ब्रहमाणी  का रूप धर कर आ !
एक बार .......
अपनी माया से माता दुष्टों की प्रज्ञा हरती ;
ये देवी सब भक्तों की बुद्धि प्रकाशित करती ;
तू गौरी;काली;शर्वाणी का रूप धर कर  आ !
एक बार ........
हे ईशा !हम भक्तों को इस भव सागर से तार ;
सुन ले अब जगदम्बा हम सबकी करुण  पुकार;
तू शिवा,जया और भीमा का रूप धर कर आ !
एक बार आ .......................
                                            जय माता दी !
                                         शिखा कौशिक 
                            [भक्ति-अर्णव ]