

पल भर न करते तनिक विश्राम ,
तत्पर प्रभु सेवा को हनुमान ,
रहे अधरों पे हनुमत के राम जी का नाम !!
अर्णव पर किया क्षण भर में सीता माँ को खोजा ,
राम मुद्रिका संग प्रभु का दिया उन्हें संदेसा ,
राम भक्त होने का पाया माता से वरदान !
रहे अधरों पे हनुमत के राम जी का नाम !!


नागपाश में बधें प्रभु लखन लाल के संग ,
भयाक्रांत हुई वानर सेना उत्साह हुआ था भंग ,
पक्षीराज को लाकर टाला संकट एक महान !
रहे अधरों पे हनुमत के राम जी का नाम !!


लक्ष्मण जी के शक्ति मारी मेघनाथ छली था भारी ,
ला संजीवनी प्राण बचाए हनुमत संकट हारी ,
अंजनी पुत्र की महिमा का त्रिलोकों में गुणगान !
रहे अधरों पे हनुमत के राम जी का नाम !!
शिखा कौशिक 'नूतन '
3 comments:
लक्ष्मण जी के शक्ति मारी मेघनाथ छली था भारी ,
ला संजीवनी प्राण बचाए हनुमत संकट हारी ,
अंजनी पुत्र की महिमा का त्रिलोकों में गुणगान !
रहे अधरों पे हनुमत के राम जी का नाम !!
bahut sundar aadhyatmik prastuti .badhai .
मुझे आप को सुचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि
आप की ये रचना 14-06-2013 यानी आने वाले शुकरवार की नई पुरानी हलचल
पर लिंक की जा रही है। सूचनार्थ।
आप भी इस हलचल में शामिल होकर इस की शोभा बढ़ाना।
मिलते हैं फिर शुकरवार को आप की इस रचना के साथ।
जय हिंद जय भारत...
कुलदीप ठाकुर...
बोल सिया वर रामचंद्र की जय बोलो भाई हनुमान की जय...जय श्री राम
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